जल्दी ही देश भरो के बच्चोको स्मार्टफोन देने पर रोक लग सकती है, देखीये युनेस्को ने क्या बोला...
पहिले मोबाईल फोन को दुनिया का सबसे बडा डिवाइस या हतियार के तोर पर देखा जाता था. कम्युनिकेशन का काम सेकंड मे करने वाला मोबाइल डिवाइस स्मार्टफोन बनके सब बच्चो की समस्या बन गया है. अब लगबग सभी बच्चो के हाथ में स्मार्टफोन दिखाई देता है और उन स्मार्टफोन होने से बच्चो की स्थिती और मानसिक संतुलन खराब होती जा रही है.
जप कोरोना लगा ऊस दौरानऑनलाईन पढाई के लिए बच्चो को के माता पिता ने उनको स्मार्ट फोन लेके दिया और उस पल से स्थिती बच्चो की थोडी बिघडणे लगे. बच्चो के पढाई के लिए तुमको दिये गये फोन का सबसे जादा व मिस युज करते है. युनेस्को का कहना है कि दुनिया भर के स्कूल मे फोन पूरी तरह से फोन उस करना बंद होना जाना चाहिये.
युनेस्कोने हाली मे एज्युकेशन मे प्रद्योगिकी पर एक रिपोर्ट तयार किया, उसी रिपोर्ट के आधार पर युनेस्को का कहना है कि स्कूल मे स्मार्टफोन पुरी तरह से बंद कर देना चाहिए. दुसरे शब्द मे केहना है कि बच्चो को कभी फोन ही दीलाना नही चाहिये. युनेस्को ने चिंता व्यक्त करते हुए बोला की स्कूल मे बच्चो को मानव केंद्रित दृष्टिकोन की आवश्यकता है और डिजिटल टेक्निकको एक उपकरणे के रूप में काम करना चाहिए.
युनेस्को आगे बोलते है बच्चो को इसे इतना हावे नही होना चाहिये की आपके बिना नही रह सके. और आज कल के बच्चो के साथ नही हो रहा है मोबाईल पर हवी हो रहे है. सुबह उठे एकदम से फोन युज करते है और उसी मे लग जाते है. उन बच्चो को समझ मे नही आता क्या हो क्या रहा है उनको क्या करना चाहिए ऐसा लगता है की पूरी दुनिया फोन मे ही है.
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